Gurugram News network- शुक्रवार सुबह गांव लाखुवास में 10 साल की बच्ची की उस वक़्त जान बच गई जब खेत में काम कर रही बच्ची की मां और भाभी ने तेंदुए को देख कर शोर मचा दिया। बच्ची को अपना शिकार बनाने के लिए आगे बढ़ रहा तेंदुआ झाड़ियों में छिपता हुआ वापस अरावली में चला गया। इस घटना की सूचना गांव में आग की तरह फैल गई। ग्रामीणों ने घटना के बारे में सिटी थाना पुलिस और वन्य जीव प्राणी विभाग को दी। दोनों टीमों ने मौके पर पहुंचकर कई घंटों तक सर्च ऑपरेशन चलाया, लेकिन टीम को तेंदुआ नहीं मिला। हालांकि कुछ जगह पंजे के निशान जरूर मिले हैं। इस घटना के बाद से गांव में डर का माहौल है।
लाखूवास गांव के पूर्व सरपंच राम नारायण के खेतों पर काम करने वाले गांव उदाका निवासी इलियास ने बताया कि उसकी पत्नी, पुत्रवधु और 10 वर्षीय बेटी शुक्रवार सुबह खेतों पर आई थी। इलियास ने बताया कि जब वह खेतों में मौजूद थे, तो उसकी बेटी पर वन्य जीव उस पर हमला करने के लिए आ रहा था। इलियास ने बताया कि पहली नज़र में वन्य जीव तेंदुए जैसा दिखाई दिया। खेत में काम कर रही बच्ची की मां व भाभी की नजर पड़ी तो उन्होंने शोर मचा दिया। बच्ची जब उसे देखा तो चिल्लाने लगी, जिसके बाद जीव वहां से भाग गया। इसकी सूचना पूर्व सरपंच राम नारायण ने सिटी थाना पुलिस को दी।
पुलिस वन्य जीव प्राणी विभाग की टीम के साथ मौके पर पहुंचे। खेतों में करीब एक घंटा तक सर्च ऑपरेशन चलाया गया, लेकिन इस दौरान तेंदुआ या उस जैसे किसी अन्य जीव का टीम को सुराग नहीं मिला। एसआई रज्जाक खान ने बताया कि कोई ऐसा सुराग नहीं मिला है जिससे तेंदुआ होने की पुष्टि हो सके। जो पंजे के निशान मिले है उनकी जांच की जा रही है। जो निशान मिले है वह किसी अन्य जीव के हो सकते हैं।